वन अग्नि नियंत्रण एवं प्रबंधन के कार्यों का किया निरीक्षण
मसूरी/
उत्तराखंड राज्य में वनाग्नि नियंत्रण एंव प्रबंधन की कार्यवाही के सम्बन्ध में फील्ड भ्रमण के तहत पर्यावरण, वन एंव जलवायु परिवर्तन मंत्रालय
एमओईएफसीसी भारत सरकार से संतोष तिवारी डीडीजी, निलीमा शाह, एआईजी ,राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण द्वारा वन विभाग उत्तराखंड से अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा, वन संरक्षक यमुना अपर सचिव कहकशा नसीम, वन संरक्षक शिवालिक राजीव धीमान, प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी अमित कँवर, उप प्रभागीय वनाधिकारी देहरादून, मसूरी उदय गौड़ और दिनेश नौडियाल, रेंज अधिकारी रायपुर राकेश नेगी, एंव आधिनस्थ फील्ड स्टाफ, के साथ मसूरी वन प्रभाग की रायपुर रेंज के अंतर्गत मालसी स्थित मालसी फायर क्रू स्टेशन एमसीआर एंव रिंगालगढ़ पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट का निरीक्षण किया गया।
इस बारे में उप प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी डॉ० उदय गौड़ ने बताया कि उक्त निरीक्षण के दौरान अपर प्रमुख वन संरक्षक निशांत वर्मा द्वारा भारत सरकार से आये अधिकारियों को उत्तराखंड राज्य में वन विभाग द्वारा वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन में किये जा रहे कार्यों की विस्तृत जानकारी प्रदान की गई। साथ ही वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन के क्षेत्र में राज्य और प्रभागों द्वारा किये जा रहे अभिनव प्रयोगों के सम्बन्ध में भी अवगत कराया गया। वन संरक्षक यमुना कहकशा नसीम द्वारा फारेस्ट फायर नियंत्रण और प्रबंधन हेतु किये जा रहे उपायों पर उपस्थित सदस्यों को महत्वपूर्ण जानकारी दी गई। प्रभागीय वनाधिकारी मसूरी अमित कँवर द्वारा मसूरी वन प्रभाग में वनाग्नि नियंत्रण हेतु किये जा रहे कार्यों , प्रभाग में मौजूद मानव संसाधन, वनाग्नि शमन उपकरण, वनाग्नि सूचना प्रणाली और वनाग्नि से सम्बंधित धारित समस्त पंजिकाओं के सम्बन्ध में प्रस्तुतीकरण दिया गया।
तत्पश्चात टीम द्वारा रिंगालगढ़ स्थित पिरुल ब्रिकेट्स यूनिट और आस-पास के वन क्षेत्रों का निरीक्षण, अवलोकन किया गया। भारत सरकार से आये सभी अधिकारियोँ द्वारा स्थानीय लोगों, वन पंचायत सरपंचो, प्रधानगणों, लाभार्थियों, फायर वॉचरों तथा फील्ड स्टॉफ से वार्तालाप किया गया। साथ ही वनाग्नि नियंत्रण और प्रबंधन हेतु राज्य और प्रभाग द्वारा किये जा रहे उपायों ,कार्यों की प्रशंसा करते हुए कुछ आवश्यक और महत्वपूर्ण सुझाव भी दिये गये।
उक्त निरीक्षण के दौरान फील्ड स्टाफ, वन पंचायत सरपंच, प्रधान, स्थानीय लाभार्थी, फायर वॉचर, वनाग्नि समिति के सदस्य आदि उपस्थित रहे।
संपादक: देव उनियाल