मसूरी इंटरनेशनल स्कूल वार्षिक पुरस्कार, लक्ष्मी सदन ने सर्वश्रेष्ठ सदन की ट्रॉफी कब्जाई
मसूरी। मसूरी इंटर नेशनल स्कूल में वार्षिक पुरस्कार वितरण कार्यक्रम में सर्वश्रेष्ठ सदन की ट्राफी लगातार लक्ष्मी सदन ने जीती वहीं उन्होंने रावल अकादमिक ट्राफी भी 39 अंकों से जीतकर बादशाहत कायम रखी।
मसूरी इंटर नेशनल स्कूल वार्षिक पुरस्कार समारोह सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मंत्रमुग्ध करने वाली प्रस्तुतियों के साथ संपन्न हो गया। विद्यालय के सभागार में आयोजित कार्यक्रम का शुभारंभ वैदिक मंत्रोच्चार के साथ शुरू किया गया जिससे पूरा परिसर आध्यात्मिक उर्जा से सराबोर हो गया। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी का स्वागत विद्यालय की प्रधानाचार्या शालु बब्बर ने पुष्पगुच्छ देकर किया। इस मौके पर सांस्कृतिक कार्यक्रम महालक्ष्मी वंदना से शुरू हुआ व इसके बाद छात्राओं ने पारंपरिक नृत्यों, व सांस्कृतिक कार्यक्रमों की मनमोहक प्रस्तुति दी जिसे देख दर्शक अभीभूत हो गये। इस मौके पर मेधावी छात्राओं को प्रिसिंपल कप से सम्मानित किया गया। वहीं अकादमिक ट्राफी पर गायत्री सदन, क्रीड़ा ट्राफी पर लक्ष्मी सदन की छात्राओं ने कब्जा किया इसके साथ ही सामाजिक गतिविधियों के लिए सर्वश्रेष्ठ सदन लक्ष्मी सदन रहा। इस दौरान छात्राओं का उत्साह देखते ही बन रहा था। इस मौके पर बतौर मुख्य अतिथि पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी ने कहा कि मसूरी इंटर नेशनल स्कूल भले ही अंग्रेजी माध्यम का स्कूल है लेकिन यहां पर भारतीय संस्कृति को बढावा दिया जाता है व उनमें भारतीय संस्कार कूट कूट कर भरे जाते हैं। उन्होंने कहा कि कार्यक्रम में छात्राओं ने जो सांस्कृतिक कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी वह अत्यंत सराहनीय रही। उन्होंने कहाकि ऐसे विद्यालय में पढने वाले बच्चे सौभाग्यशाली है जिन्हें यहां पढने का अवसर मिला है, उन्हें अपने लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया जाता है। उन्होंने यह भी कहा कि समाज के कई बच्चे ऐसे है जिन्हें स्कूल जाने का अवसर भी नहीं मिलता। उन्होने विद्यालय की प्रधानाचार्या व शिक्षकों का विशेष धन्यवाद किया जो बच्चों में पढाई के साथ ही संस्कार की शिक्षा दे रहे हैं। इस मौके पर प्रधानाचार्या शालु बब्बर ने कहा कि यह दिन छात्राओं के लिए विशेष होता है व उनको अपनी प्रतिभा दिखाने के लिए मंच प्रदान करता है। बच्चों ने वर्षभर मेहनत की व उसका परिणाम हमारे सामने है। उन्होंने बताया कि विद्यालय में विभिन्न देशों व देश के विभिन्न राज्यों से बच्चेे पढने आते है, व उनको आगे बढने की प्रेरणा देते है व उनसे प्रेरणा भी लेते हैं। उन्होंने कहा कि विद्यालय सबसे अच्छी बात है कि छात्राओं को अपनी संस्कृति व संस्कार से जोड कर रखते हैं जो आज के समय में जरूरी भी है कि बच्चे अपनी संस्कृति व संस्कार को समझे और आगे बढने की प्रेरणा अपने देश की धरोहर व संस्कृति से लें। यहां दोनों सिखाया जाता है ताकि माडल वर्ल्ड में कैसे जायेंगे ताकि वे अपनी संस्कृति व जडों को पकड़ कर रखना है जो यहंा के बच्चें अच्छी तरह समझते हैं। उन्होंने कहा कि मसूरी आना सौभाग्य है व लंबी यात्रा के बाद यहां आयी तथा यह स्थान कार्य करने के अच्छे अवसर देगा। वहीं कहा कि मेरा विजन है कि छात्राए पढ कर बाहर जाये तो अपना भविष्य बनाने की क्षमता अपने आत्म विश्वास से पूरे दृढ निश्चय के साथ जिस क्षेत्र में जायें अच्छा कार्य करें व अपने क्षेत्र में सफल हों। इस मौके पर बड़ी संख्या में अतिथि एवं अभिभावक भी मौजूद रहे।
संपादक: देव उनियाल