न्यायालय के आदेश पर भारी पुलिस बल की मौजूदगी में दिलाराम स्टेट से 14 मकान खाली कराए।
मसूरी। कैमल बैक रोड स्थित दिलाराम भवन में अवैध रूप से रह रहे 14 परिवारों को न्यायालय के आदेश पर नगर प्रशासन व भारी पुलिस बल की मौजूदगी में खाली करवाया गया व मकान मालिक की सुपुर्दगी में दिए गये इस दौरान हल्की नोक झोंक भी हुई।
कैमल बैक रोड स्थित दिलाराम भवन को न्यायालय के आदेश पर खाली करवाने के लिए सुबह करीब साढे दस बजे ही नगर प्रशासन की ओर से नायब तहसीलदार कमल राठौर व कोतवाल संतोष कुंवर की मौजूदगी में भारी पुलिस बल मौके पर पहुंचा व घरों में निवास कर रहे लोगों को मकान खाली करने को कहा। इस दौरान जिन मकानों में कोई नहीं था वहां के ताले तोड़े गये व घर के सामान को बाहर निकालकर उनकी लिस्ट बनायी गयी। दिलाराम भवन में 14 आवासों को पुलिस बल की मौजूदगी में खाली करवाया गया इस दौरान हल्की नोकझोंक भी हुई। खाली कराये गये मकानों को पुलिस ने मकान मालिक को सौंपा जिन्होंने उसमें ताले लगाकर कब्जा लिया। मौके पर मौजूद नायब तहसीलदार कमल राठौर ने बताया कि दिलाराम स्टेट में न्यायालय सिटी मजिस्टेªट किराया नियंत्रण के आदेश पर 14 अवैध अध्यासियों से मकान खाली करा कर भवन स्वामी हैदर को सौंपे गये। उन्होंने बताया कि चार माह पूर्व आदेश आ गये थे, लेकिन किन्ही कारणों से कार्रवाई नहीं की गई व एक माह पूर्व एसडीएम ने खाली करवानेे की तिथि तय की गई थी लेकिन तब भी कार्रवाई नहीं हुई उसके बाद छह मई को मकान में रह रहे लोगों को नोटिस दिए गये व जो नहीं थे उनके घरों में नोटिस चस्पा किए गये थे। वहीं एक दिन पूर्व कोतवाल स्वय मौके पर गये व सभी 14 परिवारों को स्वयं मकान खाली करने को कहा गया व पर्याप्त समय दिया गया, व आज शांति पूर्वक सभी मकान खाली करवाकर भवन स्वामी को सौंपे गये। मौके पर मौजूद कोतवाल संतोष कुंवर ने बताया कि गत वर्ष न्यायालय के आदेश मकान खाली करवाने के निर्देश दिए गये थे, उन्हें समय दिया गया लेकिन किसी ने मकान खाली नहीं किए। ये 14 परिवार अवैघ रूप से रह रहे थे, व न्यायालय के आदेश पर आज खाली करवाया जा रहा है, पूर्व में भी इन्हें अवगत कराया गया था उसके बाद भी वह समय मांग रहे थे, लेकिन समय दिया जाना न्यायोचित नहीं था, न्यायालय के आदेश का पालन करते हुए मकान खाली करवाये गये। इस दौरान मौके पर क्षेत्रीय सभासद गीता कुमाई, सतीश ढौडियाल, भरत कुमाई, गौरव गुप्ता आदि भी मौजूद रहे।
संपादक: देव उनियाल