नगर पालिका के किरायेदारों व लीज धारकों सहित भौटिया मार्केट के दुकानदारों ने पालिका अध्यक्ष को ज्ञापन दिया।
मसूरी। नगर पालिका परिषद अध्यक्ष को भाजपा मसूरी मंडल के अध्यक्ष रजत अग्रवाल के नेतृत्व में पालिका लीज धारकों किराया जमा कराने व भोटिया मार्केट में नियमों को ताक पर रख कर स्कूटी संचालकों को दुकानें किराये पर दिए जाने के संबंध में ज्ञापन दिया गया।
नगर पालिकाध्यक्ष मीरा सकलानी को मसूरी लीज एंड रेंट एसोसिएशन के माध्यम से ज्ञापन देकर मांग की गई कि नगर पालिका परिषद लीजधारी किरायेदार हर वर्ष की तरह पालिका में किराया जमा करवाना चाहते हैं, लेकिन इस संबध में पालिका द्वारा कर्मचारियों को स्पष्ट निर्देश न दिए जाने के कारण किराया जमा नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण व्यस्त पर्यटन सीजन में समय की कमी से लीज धारी एवं किरायेदारों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मांग की गई कि जनहित में लीजधारकों व पालिका के किरायेदारों की समस्या का समाधान किया जाय व उनका किराया जमा करवाया जाय। ज्ञापन देने वालों में मसूरी लीज एवं रेंअ एसोसिएशन के अध्यक्ष सुरेंद राणा, नागेद्र उनियाल, चंद्रभान सिंह चौहान, शंभू प्रसाद सकलानी आदि थे।
वहीं पालिकाध्यक्ष को नगर पालिका भोटिया बाजार के दुकानदारांे ने भी ज्ञापन दिया है जिसमें कहा गया है कि भोटिया मार्केट में कुछ दुकानदारों ने अपनी दुकाने स्कूटी संचालकों को दी है जांे वहा स्कूटी पार्क करते हैं, जिसके कारण बाजार मंे पूरे दिन जाम लगा रहता है। जिसके कारण महिलाओं का चलान, खडे होना, व दुकानों से सामान लेना कठिन हो गया है व कुछ बोलने पर स्कूटी संचालक गाली गलौज व मारपीट पर उतर आते हैं,जिससे भोटिया मार्केट के दुकानदारों की रोजी रोटी प्रभावित हो रही है। वहीं स्कूटी की दुकानों मे तेज आवाज में भददेे गाने भी चलाये जा रहे हैं, वहीं मार्केंट में कई महिला दुकानदार भी है जिन्हें परेशानी होती है, दिनभर मार्केट में लड़कों का जमावडा लगा रहता है, जो अपशब्द बोेलते रहते हैं, पालिकाध्यक्ष से मांग की गई है कि स्कूटी वालों पर कड़ी कार्रवाई की जाय, व दुकाने खाली करवायी जाय, व जिनकी दुकानें है वह स्वयं उसका संचालन करें, रोड के किनारे खडी स्कूटियों को हटाया जाय, व रोड के बीच में डिवाइडर लगाया जाय, ताकि कोई स्कूटी न खडी कर सके। ज्ञापन देने वालों में भाजपा मंडल अध्यक्ष रजत अग्रवाल, सलीम अहमद, अमित गुप्ता, सहित भोटिया मार्केंट के दुकानदार थे।
संपादक: देव उनियाल