माल रोड पर पटरी लगाने से व्यापारियों में आक्रोश, दुकान बंद व धरना देकर विरोध प्रकट किया।
मसूरी। लाइब्रेरी क्षेत्र के व्यापारियों ने मालरोड के किनारे लग रही पटरी से व्यापार प्रभावित होने के विरोध में आधे दिन बाजार बंद रखा व धरना देकर नगर प्रशासन के खिलाफ जोरदार नारेबाजी की। वहीं व्यापारियों ने एसडीएम को ज्ञापन भेजा जिसमें मांग की गई है कि मसूरी को विनाश से बचाने के लिए मालरोड को पटरी मुक्त बनाया जाय।
लाइब्रेरी के दुकानदारों ने मालरोड पर लग रही पटरी के विरोध में आधे दिन का बंद रखा व बडी संख्या में एकत्र होकर गांधी चौक पर धरना दिया व प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी की। इस मौके पर एसडीएम को दिए ज्ञापन में कहा गया कि मसूरी विश्व प्रसिद्ध पर्यटन नगरी है, लेकिन विगत वर्षों से लगातार मालरोड पर पटरी लगायी जा रही है जिसके कारण अव्यवस्था फैल गयी है व इसे अंडा भुटटा बाजार बना दिया गया है, व इससे व्यापार प्रभावित हो रहा है। इससे पूर्व भी तत्कालीन एसडीएम दीपक सैनी से वार्ता की थी जिन्होेने मालरोड से पटरी हटाने का प्रयास किया लेकिन उनके जाने के बाद फिर से पटरी लग गई। इस मौके पर व्यापारी भगवती प्रसाद सकलानी ने कहा कि मालरोड पर पटरी बर्दास्त नही की जायेगी व अब स्कूटी व वाहन चलने से पूरी मालरोड अव्यवस्थित हो गई। वहीं एक एक परिवार की कई कई पटरी लग रही है, प्रशासन से लगातार कहा जा रहा है, लेकिन कोई सुनवाई नहीं, जिसके कारण व्यापारियों को नुकसान हो रहा है। त्रिभुवन मित्तल ने कहा कि मालरोड पर पटरी के साथ ही लगातार स्कूटियों की संख्या बढने से अव्यवस्था फैल गयी है इसके लिए प्रशासन को वेडिंग जोन बनाना चाहिए। इस मौके पर आशीष गोयल ने कहा कि लाइब्रेरी के दुकानदारों ने सांकेतिक धरना देकर पटरी वालों के खिलाफ धरना दिया कि इससे बाजार की अर्थव्यवस्था चरमरा गई है वहीं दुकानदार सरकार को टैक्स देता है, लेकिन पटरी वाले बिना नियमों के सारा सामान खाने पीने से लेकर सभी प्रकार का सामान बेच रहे है, उन्होंने कहा कि दुकानदार भी वोटर है, इसके लिए प्रशासन दोषी है। इससे शहर का अहित हो रहा है। पहली बार लाइब्रेरी में पूर्ण बाजार बंद रखे गये जिससे साफ जाहिर है कि दुकानदार खासे परेशान है। उन्होंने कहा कि अब पर्यटक यहां मजबूरी में आता है पहले एन्जवाय करने आता था।अगर स्थिति को नही सुधारा गया तो मसूरी आने वाले दिनों में और बदहाल होगी। इस मौके पर हिंमांशु सिंघल, त्रिभुन मित्तल, आशीष गोयल, भगवती प्रसाद सकलानी, पुनीत जसानी, गौरव सिंघल, अशोक सिंघंल, राजू शाह, सौरभ गोयल, तेनजिंग, मयंक गोयल, अंकुर गोयल, सुनील रतूड़ी, अशोक गर्ग, यशवंत गर्ग, वैभव तायल, जगदीश प्रसाद जोशी सहित व्यापारी मौजूद थे।
संपादक: देव उनियाल